The University Network 2017/07/28 19:39
लोक सभा में आज शुक्रवार को आईआईएम बिल 2017 विधेयक पेश हो गया है। इस एतिहासिक बिल ने देश के 20 सबसे बड़े मैनेजमेंट संस्थानों को नया जन्म दिया है। अब आईआईएम डिप्लोमा नहीं देंगे। इन संस्थानों से सरकारी दखल खत्म हो जाएगा। ये संस्थान अपने सभी फैसले खुद कर सकेंगे।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि लोक सभा में कहा कि आईआईएम संस्थानों को आॅटोनोमस बनाने का वक्त आ गया है। इनके ऊपर से केंद्र सरकार के नियंत्रण को पूरी तरह समाप्त करना वक्त की जरूरत है। इस बिल के पास होने से देश के 20 आईआईएम अब पीजी डिप्लोमा की जगह मास्टर डिग्री प्रदान करेंगे।
संस्थानों के पास अपनी शक्तियां होंगी, जिसके तहत वे डायरेक्टर और फैकल्टी की नियुक्ति अपने स्तर पर कर सकेंगे। इसके लिए संस्थानों को एमएचआरडी के हाथ-पैर जोड़ने की जरूरत नहीं रह जाएगी। ये विधेयक इतना दमदार है कि एमएचआरडी मिनिस्टर भी अब आईआईएम कौंसिल के चेयरमैन नहीं रहेंगे। संस्थान केंद्र से संचालित नहीं होंगे। खास बात ये है कि इस बिल का विपक्ष के नेता शशि थरूर ने भी स्वागत किया है।